हिंदुस्तान में लड़का लड़की यदि प्रेमपाश में फँस जाए तो उन्हें चोरी छिपे किसी स्थान पर मिलना पड़ता था और यदि किसी परिचित की नज़र पड जाए अथवा किसी पुलिस कर्मचारी को शक हो जाए तो बस जान मुसीबत में आ जाती थी और कभी पड़ोस वाली आंटी ने देख लिया तो क़यामत निश्चित थी । शायद ऐसे जोड़ों का दर्द उत्तराखंड सरकार ने समझ लिया फिर क्या था युवा मुख्यमंत्री की युवा सरकार ने दरियादिली का ऐसा नमूना पेश किया कि उत्तराखंड क्या पूरे देश की संस्कृति को ताक पर रखकर छोड़ दिया ।
यू सी सी के नाम पर ऐसा कानून बना दिया कि क्या हिंदू और क्या मुस्लिम , सिख हो या ईसाई , सबको लाज शर्म छोड़कर बे झिझक अय्याशी करने की अनुमति मिल गई। अभी तक ऐसे जोड़ों को वैधानिक अनुमति नहीं थी लेकिन अब तो पंजीकरण के साथ ही पूर्ण सुरक्षा की गारंटी भी मिल गई। पंजीकरण कराइए और ठाट से एक साथ रहिए , संबंध बनाइए और प्यार के दुश्मन माता पिता , ताऊ चाचा , भाई और मामा आदि से पुलिस आपकी रक्षा करेगी क्योंकि सरकार ने अब आपको ऐसा करने का लाइसेंस जो दे दिया है ।कोई कहे कि इससे संस्कृति को हानि पहुंचेगी ? अरे भाई सरकार की दूर दृष्टि देखिए , हो सकता है उत्तराखंड का कोई नीति निर्धारक सरकारी खर्च पर थाईलैंड भ्रमण पर गया हो और सरकारी आय और रोजगार बढ़ाने के इस अनुपम फार्मूले को वहाँ से चोरी छिपे उत्तराखंड के लिए आयात कर लाया हो ।उत्तराखंड में लव जिहाद जेसी परिभाषित बीमारी समाप्त हो जाएगी अर्थात् यूँ कहें कि म्यूटेटेड होकर दूसरे चरण में आ जाएगी ।
सारे होटल, स्टेहोम, फ़ार्म हाउस और रिसोर्ट्स का धंदा चल निकलेगा । युवाओं को सेक्स की आज़ादी मिल जाएगी , वे सरकार का विरोध छोड़कर इस नये व्यवसाय में आय के श्रोत ढूँढेंगे। मैटरनिटी हॉस्पिटल्स की चाँदी और बहू विवाह ( जो प्रतिबंधित है) का विकल्प भी मिल जाएगा । अनुबंध शादियां होने लगेंगी। कुछ लोगों की तो मति मारी गई है जो लिव एंड रिलेशन का विरोध कर रहे हैं । जनाब कुछ दिन इंतज़ार करिए उत्तराखंड की तुलना थाईलैंड क्या स्विट्ज़रलैंड से भी होने लगेगी। जनता के साथ सरकार का रेवन्यू बढ़ जाएगा जो प्रदेश के विकास में काम आयेगा । आप मूल निवास की बात भूल जाएँगे और प्रदेश में पूरे विश्व के निवासी मूल निवासी उत्पन्न कर देंगे । हो सकता हे २५ वर्ष बाद आपको नई नस्ल का मुख्य मंत्री ही मिल जाए फिर तो प्रदेश राष्ट्रीय एकता और भिन्नता में एकता का उदाहरण ही बन जाएगा । दो चार माता पिता अपनी इज्जत का रोना रोते आत्महत्या कर भी लें तो सरकार पर क्या प्रभाव पड़ता है? आप सोचेंगे अजीब सिरफिरा इंसान हे , लाइव एंड रिलेशन का समर्थन कर रहा ही या आनेवाले भूचाल की भविष्यवाणी ? जनाब मेरा तरीका कोई भी हो लेकिन आप भी वही समझ रहे हैं जो में कहना छह रहा हूँ। आख़िर इस विषय का यू सी सी से रिश्ता ही क्या था की आपने मधुमक्खी के छत्ते में हाथ घुसा दिया।
शहद का इतना लालच भी ठीक नहीं और न ही युवाओं को खुश करने का उचित माध्यम । उत्तराखंड के युवा किसी अलग संस्कृति से नहीं जन्मे , उन्हें रोजगार की आवश्यकता है जिससे उनका भविष्य भी बने और शादी भी हो जाए । इस लिव एंड रिलेशन का लॉलीपॉप देकर उन्हें मत भटकाइए । एक और भारतीय जनता पार्टी सनातन की संस्कृति की बात करती ही और दूसरी और ऐसा निर्णय? घोर आश्चर्य हो रहा हे । आधुनिकता के नाम पर जो परोसा गया हे उससे सनातनी सोच में पद गया हे की कहीं उसे ठगा तो नहीं जा रहा हे । कोहरा छटेगा और सच्चाई सामने आयेगी और फिर ऐसा जलाल आ सकता हे की सब कुछ साफ़ हो जाए । ये चिंगारी कहीं अपने ग़रीब को ही जलाकर रख न कर दे इसलिए वक्त रहते चैतन्य होने की आवश्यकता हे । और बहुत विषय हैं ध्यान देने के लिए ।
ऐसे समय जब उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए उत्तराखंडी जनता अपनी आवाज उठा रही हे, लिव एंड रिलेशन का मुद्दा सरकार के लिए परेशानी का सबब न बन जाए। धीरे धीरे हम फिर चुनाव की और बढ़ रहे हैं और सरकार हे कि विपक्ष को मसले सप्लाई करने पर उतारू हे । देखते हैं भविष्य उत्तराखंड को कहाँ प्रस्थापित करेगा ।
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